NEWS JO SHUBH HO
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Vikrant India’s first indigenous aircraft will soon increase India’s maritime power – विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट जल्द बढ़ेगी भारत की समुद्री ताकत भारतीय नौसेना के अनुसार, भारत का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत (IAC) विक्रांत इस साल 2 सितंबर को शुरू होना है। 260 मीटर लंबाई और 60 मीटर चौड़ाई वाले जहाज को नौसेना डिजाइन निदेशालय द्वारा डिजाइन किया गया है और इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में बनाया जा रहा है। बता दें कि इसका उत्पादन कार्य नवंबर 2006 में शुरू हुआ था।
यह है आईएसी विक्रांत की खूबियां
– विक्रांत में 14 डेक यानी 14 मंजिलें हैं। इसका वजन 40000 टन
-30 से 40 एयरक्राफ्ट कैरियर को प्लेस किया जा सकता
-262 मीटर लंबा है और 59 मीटर ऊंचा
-आकार इतना बड़ा एक छोटा फुटबॉल ग्राउंड बनाया जा सकता
2 सितंबर को आधिकारिक तौर पर भारतीय नौसेना को विक्रांत सौंपेंगे.
भारत का पहला स्वदेशी विमान वाहक (IAC-1) दो … नौसेना (Indian Navy)
इसका नाम भारत के पहले विमानवाहक पोत, भारतीय नौसेना जहाज (INS) विक्रांत के नाम पर .जल्द बढ़ेगी भारत की समुद्री ताकत, पहला स्वदेशीएयरक्राफ्ट कैरियर इस एयरक्राफ्ट को 20 हजार करोड़ की लागत से बनाया गया है. स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैसा है देश का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर Vikrant, भारत की नौसेना भी शांति बनाने में भरोसा आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है। Indigenous Aircraft Carrier: नौसेना को विक्रांत (INS Vikrant) की डिलीवरी के साथ विक्रांत ने चौथे फेस के सी ट्रायल 10 जुलाई को पूरे कर लिए हैं।
भारत में डिजाइन और निर्मित हुए एयरक्राफ्ट कैरियर को भारतीय नौसेना और कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड ने मिलकर पूरा किया है। यह आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण है क्योंकि इस एयरक्राफ्ट कैरियर में 76 फीसदी स्वदेशी कंटेंट है जिसकी वजह से भारत में डिजाइन और निर्माण की क्षमताओं को संबल मिला है। साथ-साथ इससे जुड़ी हुई तमाम इंडस्ट्रीज के लिए भी नए अवसर पैदा हुए हैं। इंडियन एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत को बनाने में कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड के 2000 कर्मचारियों को मौका मिला और इससे जुड़ी हुई अलग-अलग कंपनियों के 12,000 प्रोफेशनल को काम मिला।
विक्रांत के भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद देश की नौसेना को आत्मनिर्भरता के साथ नई ताकत मिल सकेगी। पिछले साल अगस्त में शुरू हुए थे विक्रांत के सी ट्रायल
-इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सूट, डेक मशीनरी, जीवन रक्षक उपकरण नेविगेशन और संचार सिस्टम के ट्रायल सफलतापूर्वक पूरे किए गए थे।
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