NEWS JO SHUBH HO
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हौसले मजबूत हों तो मुश्किल से मुश्किल मंजिल भी आसान हो जाती है.
होनहार बेटे ने सच साबित कर दिखाया है. पास कर NEET की परीक्षा
इनके पिता कि गोलगप्पे की दुकान है. अल्पेश भी यहां गोलगप्पे बेचने का काम करते रहे हैं लेकिन वह अब जल्द ही सरकारी कॉलेज से एमबीबीएस कर सकेंगे. उन्होंने नीट परीक्षा में 700 में से 613 नंबर हासिल किए हैं. वह कार्डियोलॉजिस्ट बनने का सपना देख रहे हैं.
खुद भी अपने पिता की दुकान पर प्लेट साफ किया करते,
वह कार्डियोलॉजी में करियर बनाने के बाद न्यूरॉलजी में भी आगे बढ़ना चाहते हैं.’
अपनी डेली रूटीन के बारे में वह बताते हैं कि 10वीं क्लास तक वह हर सुबह 4 बजे उठकर अपने पिता राम सिंह के साथ पानी पूरी और मसाला बनाने में मदद करते थे. इसके बाद पिता के लिए वह पानी पूरी का ठेला सजाते थे. स्कूल खत्म करने के बाद शाम को अल्पेश ग्राहकों को गोलगप्पे बेचने के साथ साथ ग्राहकों के जूठे बर्तन भी धुलते थे.
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